File photo of news paper ,this is the news about Guru Shyam Lal being declared guru of the Akhada at Aya Nagar , New Delhi India. In the year 1990 guru Shyam Sal ji started the akhada at Aya Nagar ( near present Arjan Garh , Delhi Metro Station ) The people of all the villages and nearby came and honour him and accepted him guru of the Akhada. They sent their Children to him to learn the art of Kushtiwrestling. Guru Shyamlal served the Akhada for 40 years and produced many many fine wrestlers of his time. Guru Shyam lal was himself a very good wrestlers he defeated one of the best wrestlers of his time namely Olympian Bishambhar pahlwan railway, Prathi pahalwan , Olympian Jagroop pahlwan, Kallu Pahlwan meerut wale , Ramchander kalasiaya, Prathi pahlwan, Kafla pahlwan mewati, billu pahlwan of aldo, prakash pahlwan kulhipuria, suraj bhan delhi police etc. he also remained equal to the biggest wrestlers of Moolchand pahlwan railway, guru Ramdhan of guru hanumaan akhda, vishwash pahlwan delhi police.
The respected guru went to his heavenly abode on 27th February , 2010. His son Rajinder pahlwan is now the guru of the akhda and serving the kushti . In the next generation Jeetu pahlwan is
आया नगर , नई दिल्ली , ( अब अर्जुन गढ़ मेट्रो स्टेशन के पास ) यह न्यूज़ कटिंग हैं जब १९९० में गुरु श्याम लाल जी ने आया नगर अखाड़े को तैयार किया था , और आस पास के सभी गाँव देहात के लोगों ने मिलकर उन्हें आया नगर अखाड़े का गुरु स्वीकार किया था। और इसके बाद सबने मिलकर अपने बच्चों को उनके पास कुश्ती शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा। गुरु श्याम लाल ने आया नगर अखाड़े में अनवरत सेवा की और देश दुनिया को बेहतरीन पहलवान दिए। 27 फरवरी 2010 को गुरु जी इस दुनिया को अलविदा कह गए। ;लेकिन उनकी दी हुई विरासत आज भी बढ़िया पहलवानो के रूप में घिटोरनी, आया नगर, नाथुपुर, और आस पास के गाँवों में मौजूद हैं। गुरु जी को श्रद्धांजलि।
गुरु श्यामलाल जी का पूरा जीवन कुश्ती को समर्पित रहा 40 वर्षों तक वे कुश्ती से जुड़े रहे। उन्होंने अपने जमाने के कई प्रसिद्द पहलवान को हराया , जिनमे विशम्भर पहलवान रेलवे, जगरूप पहलवान , कल्लू पहलवान मेरठ वाले , प्रथि पहलवान , कफला पहलवान मेवात , आल्दो के विल्लू पहलवान , प्रकाश पहलवान, कुल्हीपुरिया , सूरज भान दिल्ली पुलिस, रामचन्दर कडासिया इत्यादि
कई नामी गिरामी पहलवान से उनकी कुश्ती बराबर रही जिनमे मूलचंद पहलवान रेलवे , गुरु हनुमान अखाड़े के गुरु रामधन पहलवान , विश्वाश पहलवान दिल्ली पुलिस इत्यादि।
आज गुरु श्याम लाल के पुत्र राजिन्दर पहलवान गुरु श्यामलाल जी की विरासत को संभाले हुए हैं , और गुरु श्याम लाल अखाड़े के संचालक के रूप में कुश्ती की सेवा में प्रयास रत हैं। इसके साथ ही उनकी तीसरी पीढ़ी में जीतू पहलवान एक अच्छे पहलवान के रूप में ख्याति प्राप्त हुए हैं।
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